दिल्ली की जनसंख्या और सेक्स रेशो पर आधारित वुमन एंड मेन इन दिल्ली 2025 की रिपोर्ट में राजधानी को देश के सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक बताया गया है। रिपोर्ट में आबादी, महिलाओं की हिस्सेदारी और सेक्स रेशो से जुड़े कई अहम संकेत जारी किए गए हैं।
लेकिन 2036 तक दिल्ली में सेक्स रेशो में सुधार का संकेत मिला है, बावजूद इसके राष्ट्रीय स्तर से कम रहने की संभावना जताई गई है।
इतनी है दिल्ली की आबादी
रिपोर्ट के अनुसार, 2011 की जनगणना में दिल्ली की आबादी 1.67 करोड़ थी, जिसमें 89.87 लाख पुरुष और 78 लाख महिलाएं थीं। 2001 में आबादी 1.38 करोड़ थी। 2036 तक दिल्ली की आबादी 2.66 करोड़ होने का अनुमान है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, दिल्ली की कुल आबादी में महिलाओं की हिस्सेदारी 46.47 पसेंट थी, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 48.53 पर्सेट है।
मृत्यु दर में आई कमी
इस रिपोर्ट में जहां औसत उम्र में बढ़ोतरी दर्ज हुई है, वहीं मृत्यु दर में कमी, प्रसव केयर में सुधार और महिलाओं में एनीमिया के मामलों में गिरावट जैसे पॉजिटिव संकेत सामने आए हैं। सैपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम SRS के मुताबिक 2018-22 में 60 की आयु पर दिल्ली में पुरुषों की लाइफ एक्सपेक्टेशन 18.3 वर्ष और महिलाओं की 22.3 वर्ष दर्ज की गई है।
इतनी रही प्रजनन दर
वहीं, प्रजनन दर में गिरावट पाई गई है। SRS के अनुसार, 2022 में दिल्ली के ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में कुल प्रजनन दर (TFR) क्रमशः 1.4 और 1.3 रही। 2013 में यह दर ग्रामीण में 1.8 और शहरी में 1.7 थी। इस बीच राहत की बात यह रही कि मातृ मृत्यु दर में कमी आई है।
कितनी रही महिलाओं की विवाह आयु
जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में मातृ मृत्यु दर (MMR) 2019 के 0.55 से घटकर 2024 में 0.44 प्रतिशत हो गई है। SRS के अनुसार, 2022 में दिल्ली में महिलाओं की औसत विवाह आयु 24.6 वर्ष रही। यह 2011 की तुलना में 2.2 वर्ष अधिक है।